Wow....amazing ...keep writing
मेरे बचपन ने आज आखिर पलट के सवाल पूछ ही लिया क्या पाया ऐसा तूने जो मुझे ठीक से अलविदा भी न कह पाया चंद सिक्खे थे जेब में , खनक उनकी महस...
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